________________ 16 शिशुपालवधश्लोकानां मातृकावर्णक्रमेणानुक्रमणी। सौगन्ध्यं 8148 स्फुटमिवो 5 / 6 स्कन्धधूनन 1471 स्फुरत्तुषा 3 / 43 स्कन्धाधि 47 स्फुरदधीर 6 / 25 स्खलन्ती 19 / 59 स्फुरदुज्वला 9147 स्तनयोः 6 / 75 स्फुरमाण 15.60 स्तम्भं नहा 5 / 48 स्मरत्यदो 1 / 68 स्थगयन्त्यमी 4 / 24 स्मरराग 6170 स्थगिता 9 / 21. स्मररस 765 स्थाने शम 2 / 94 स्मरहुत 66 स्थायिनो 2187 स्मितसरो 6 / 54 स्नातक 14 / 55 स्मृतिवर्त्म 1543 स्नान्तीनां 8153 स्रंसमान 10 / 45 स्निग्धाञ्जनश्यामत 12 / 62 स्रस्ताङ्ग 12155 स्निग्धाञ्जनश्यामरुचिःखक्ष सुपत्रं 122 3163 स्वगुणे 19161 नियन्ती 8.35 खच्छाम्भः 870 स्नुवतामुना 15133 स्वजने 15.12 (प्रक्षिप्तः) (प्रक्षितः) स्नेहनिर्भर 10 / 49 स्वभुज 16.69 स्पर्शभाजि 10 // 39 स्वयं कृत 2110 स्पर्शमुष्ण 14 / 27 स्वयं प्रण 250 स्पष्टं बहिः 5 / 67 स्वयं विधा 1171 स्पृशन्ति 2178 स्वयमक्रियः 158 स्पृशन्स 158 (प्रक्षिप्तः) स्फुटतर 11 / 3 खयमेव 15 / 20 स्फुटमिदो 7 / 58 खरागा 85 स्वर्गे वासं 18 / 62 खशक्त्युन 2057 खादनेन 10 / 7 खादयन् 14150 खापतेय 14 / 9 स्वैरं कृता 1216 हते हिडिम्ब 2160 हरत्यघं 1 / 26 हरितपत्र 6 / 53 हरिमप्य 15 / 61 हरिमर्चित 16 / 20 हरिराकुमा 13 / 68 हरेरपि 17150 हसितुं 13160 हस्तस्थिता 12 / 3 हस्तेनाग्रे 18148 हावहारि 10 / 13 हितमप्रिय 16 // 56 हिमऋता 6 / 61 हिममुक्त 13 / 38 हिमलव 7173 | हृतायाः 8 / 42 हृदयमरि 1174 हेम्नः 5 / 55 हीभरा 1052 ह्रीविमोह 10 / 22 संपूर्णग्रन्थस्य वृत्तसंख्या 1645 'माघस्तुत्यः' एतन्मिताः / पञ्चदशे सगै क्षेपकाः श्लोका 34 चतुस्त्रिंशत् समाप्ती कविवंशवर्णनश्लोकाः 5 पञ्च / एवं समुदिता वृत्तसंख्या 1684 'भजतपः' एतन्मिता।