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________________ SANSKRIT INDEX (Roman figures refer to verses and Arabic ones to pages) अक्षवत् I, 26 अतदाकारत्वात् 26 अतदाभता I, 26 अणुस्वरूपं निरंशम् 34 अण्वाकारो (न विज्ञप्तिविषयः) III, 32 अध्यवसायान्तर 33 अनन्यत्वम् (विज्ञानशक्त्यो : 7 अनिर्धारितस्वभावः (परमाणु:) 26 अनैकान्तिक(दोष) 26 (त्रिः), 29 अन्त: VI, 38 अन्यत्वम् (विज्ञानशक्त्योः )7 अन्योन्यहेतुकौ (शक्तिविषयौ) 7 अपार्थक 26 अभेदः (विज्ञानार्थयोः) 30 अर्थ 23 अर्थानुभव 109 अर्थापत्ति 26 असंघातत्वोपलम्भ 27 असिद्धि (दोष) 25, 35 आकारभेद 33, 34 आगम 28 आदर्श विम्बवत् 25 आनुरूप्य (= सारूप्य) 25 आरोपिताकार (अवयविन्) 35 आलम्बन (द्विविध) 3, (= उत्पत्तिप्रत्यय) 4, (द्वयंश) 30,-लक्षण 27-28 आलम्बनादविभक्तं (विज्ञानम् ) 7 आशयान्तर 32 इन्द्रियम् (शक्तिरूपं न भौतिक) VII, 10, 24, 25 -परमाणुवत् 26, 27 -बुद्धेः (आकारोत्पत्ति) 33 -विज्ञानानां विशेषाकारत्व 35 -वैकल्य 28 -शक्ति: प्रतिनियता 23, 33 उपचयापचयाभाव 34 एकाङ्गवैकल्य 4 एतच्छास्त्र 32 कठिनतादिवत् III, 32, 33 कश्चित् or केचित् 23, 27, 28, 30 कारणतादि (यथा-) 37 केशाद्यवभासि (यथा-)37
SR No.002350
Book TitleAlamban Pariksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDinnaga, Dharmapala, N Aiyaswami Shastri
PublisherAdyar Library
Publication Year1942
Total Pages142
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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