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________________ " पढमम्मि सबजीवा बीए चरिमे य सवदवाई। सेसा महत्वया खलु तदेगदेसेण दवाणं” (२६३७ नि.) .. "जीवो गुणपडिवन्नो नयस्स दवट्ठियस्स सामइयं । ... सो चेव पन्जवट्ठियनयस्स जीवस्स एस गुणो ॥ (२६४३ नि.) " उप्पजति वियंति य परिणमंति य गुणा न दवाई। दवप्पभवा य गुणा न गुणप्पभवाइं दवाई ॥ (२६४८ नि.) उप्पाय-भंगुराणं पइक्खणं जो गुणाण संताणो । दबोवयारमेत्तो जइ कीरइ तम्मि तन्नाम ॥ (२६६१) । "जं जं जे जे भावे परिणमइ पओग-वीससा दत्वं । तं तह जाणाइ जिणो अपज्जवे जाणणा नत्यि" ॥ (२६६७नि.) "जस्स सामाणिओ अप्पा, संजमे नियमे तवे । तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभासि ॥ (२६७९ नि.) जो समो सवभूएमुं, तसेसुं थावरेसु य । तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभासियं ॥ (२६८० नि.) सावजजोगंपरिवजणहा, सामाइयं केवलियं पसत्यं । गिहत्यधम्माःपरमं ति नच्चा, कुज्जा बुहो आयहियं परत्या ॥ (२६८१ नि.) "सई ति भाणिऊणं विरई खलु जस्स सखिया नत्थि । सो सहविरइवाई चुक्कइ देसं च सर्व च" ॥२६८४ नि.). नणु तिविहं तिविहेणं पञ्चक्खाणं सुयम्मि गिहिणोऽवि ॥ तं थूलवहाईणं न सबसावजजोगाणं ॥ (२६८६) जइ किंचिदप्पओयणमप्पप्पं वा विसेसियं वत्थु । पञ्चक्खेज न दोसो सयंभूरमणाइमच्छुच्च ॥ (२६८७)
SR No.002348
Book TitleVicharsar Prakaranam Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPradyumnasuri, Manikyasagar
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1923
Total Pages190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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