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________________ बालावबोध * नयमेरु सं०१६७८ बालावबोध * विमलरत्न सं० १८०२ बालावबोध * समयसुन्दरोपाध्याय १७वीं शता० स्तबक* सुमति १७वीं शता० २१. वीर चरित्र (जय भववण०)* २२. चतुर्विंशति जिन स्तोत्राणि (भीमभव०), २३. चतुर्विंशति जिन स्तुति (मरुदेवि नाभितणयं०)* २४. पञ्च कल्याणक स्तव (सम्मं भुवणिक्क०). २५. सर्वजिन पञ्च कल्याणक स्तव (पणय सुर०)* २६. प्रथम जिन स्तव (सयल भुवणिक्क०)* २७. लघु अजित शान्ति स्तव टीका। धर्मतिलकोपाध्याय सं० १३२२ (उल्लासिक्कम०). टीका। समयसुन्दोपाध्याय सं० १६९५ टीका* गुणविनयोपाध्याय १७वीं शता० बालावबोध * उपाध्याय साधुकीर्ति सं० १६१२ बालावबोध * कमलकीर्ति बालावबोध * देवचन्द्रोपाध्याय १८वीं शता० २८. स्तम्भन पार्श्वजिन स्तोत्र (सिरि भवण०)* २९. क्षुद्रोपद्रवहरपार्श्वजिन स्तोत्र (नमिर सुरासुर०)* ३०. महावीर विज्ञप्तिका (सुरनरवर०)* ३१. महाभक्तिगर्भा सर्वज्ञविज्ञप्तिका (लोयालोय०)* ३२. नंदीश्वर चैत्य स्तव, टीका साधुसोमोपाध्याय १५वीं शता० (वंदिय नंदिय०) ३३. भावारिवारण स्तोत्र टीका, जयसागरोपाध्याय १५वीं शता० (भावारिवारण) टीका* मेरुसुन्दरोपाध्याय १५वीं शता० टीका* क्षेमसुन्दरोपाध्याय १५वीं शता० टीका* चारित्रवर्धन १५वीं शता० मतिसागर १५वीं शता० अवचूरि* अज्ञात कर्तृक बालावबोध * मेरुसुन्दोपाध्याय पादपूर्तिस्तोत्रा। पद्मराजगणि सं० १६५९ ३४. पञ्चकल्याणक स्तोत्र (प्रीतिप्रसन्न०)* ३५. कल्याणक स्तव (पुरन्दर पुर०)* ३६. सर्वजिन स्तोत्र (प्रीतिप्रसन्न०)* टीका*
SR No.002344
Book TitlePrashnottaraikshashti Shatkkavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvallabhsuri, Somchandrasuri, Vinaysagar
PublisherRander Road Jain Sangh
Publication Year2008
Total Pages186
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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