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________________ जिनवल्लभसूरि की वर्तमान में छोटी-मोटी ४५ कृतियाँ उपलब्ध हैं। इन्हें सिद्धान्तवेत्ता, विधिवेत्ता, आचारवेत्ता, स्वप्नशास्त्रवेत्ता, उपदेष्टा, काव्यनिर्माता और स्तोत्रनिर्माता के रूप में माना जाता है। इनके द्वारा निर्मित्त साहित्य और मूर्धन्य टीकाकारों द्वारा रचित टीका साहित्य की सूची संलग्न है। टीका नाम टीकाकार रचना समय क्र० ग्रंथनाम १. सूक्ष्मार्थविचारसारोद्धार प्रकरण भाष्य * टिप्पण * चूर्णि * ३. सर्वजीवशरीरावगाहना स्तव ४. पिण्डविशुद्धि प्रकरण वृत्ति वृत्ति * वृत्ति * वृत्ति * प्राकृत वृत्ति * टिप्पणक * २. आगमिकवस्तुविचारसार प्रकरण भाष्य * * भाष्य टिप्पण * वृत्ति वृत्ति वृत्ति * विवरण * टीका * अवचूरि * अवचूरि * उद्धार * वृत्ति लघु वृत्ति दीपिका टीका * दीपिका * अवचूरि * अवचूरि * अज्ञात कर्तृ रामदेवगण मुनिचन्द्रसूरि धनेश्वराचार्य महेश्वराचार्य हरिभद्रसूरि चक्रेश्वराचार्य अज्ञात कर्तृ अज्ञात कर्तृक अज्ञात कर्तृक अज्ञात कर्तृक रामदेवगण हरिभद्रसूरि मलयगिरि शोभद्रसू मेरुवाचक अज्ञात कर्तृक अज्ञात कर्तृ अज्ञात कर्तृक अज्ञात कर्तृक श्री चन्द्रसूरि यशोदेवसूरि उदयसिंहसूर अजितदेवसूरि अज्ञात कर्तृक अज्ञात कर्तृक अज्ञात कर्तृक १२ वीं श० सं० ११७० सं० १९७१ १२वीं शता० १२वीं शता० १२ वीं शता० १२वीं शता० सं० ११७२ १२वीं शता० १२वीं शता १६वीं शता० सं० १९७८ सं० १९७६ सं० १२९५ सं० १६२९ १३
SR No.002344
Book TitlePrashnottaraikshashti Shatkkavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvallabhsuri, Somchandrasuri, Vinaysagar
PublisherRander Road Jain Sangh
Publication Year2008
Total Pages186
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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