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मात्र भी सन्देह नहीं । किन्तु जब हम उसमें सही रूप में परमात्म-तत्त्व को निहारेंगे तब कार्य की सिद्धि और आत्मा की मुक्ति होगी, अन्यथा नहीं।
सुप्रसिद्ध 'रामायण' में आता है कि श्री रामचन्द्रजी अपनी पत्नी सीता और लघु बन्धु लक्ष्मण समेत अयोध्या नगरी छोड़कर जब वनवास गये थे, तब श्री रामचन्द्रजी के लघु बन्धु भरत ने बड़े भाई श्री रामचन्द्रजी की चरणपादुका को राजसिंहासन पर स्थापित करके शासन किया था।
अन्य लोगों की दृष्टि में तो वे श्री रामचन्द्रजी की चरणपादुका लगती थीं, किन्तु खुद भरत की दृष्टि में वे साक्षात् रामचन्द्रजी थे।
ऐसा ही एक दूसरा उदाहरण 'महाभारत' में एकलव्य नामक भील का आता है।
___ 'एकलव्य' अनपढ़ भील था । जब श्री द्रोणाचार्य की धनुर्विद्या की प्रशंसा दूर देशों पर्यन्त फैल गई, तब एक दिन निषादराज हिरण्य धनुष्य का लड़का यह एकलव्य धनुविद्या सीखने के लिये श्री द्रोणाचार्य के पास आया । लेकिन कौरवों और पाण्डवों आदि राजकुमारों को पढ़ाने
मूत्ति की सिद्धि एवं मूत्तिपूजा की प्राचीनता-५०