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________________ है-प्रतिमा नामानि "प्रतिमा १प्रतिमान२ञ्च, प्रतिकायः३ प्रतिकृतिः४ ॥२६६० ॥ प्रतिच्छाया५ प्रतिच्छन्दः६, प्रतिरूपं७ प्रतिनिधिः । प्रतिबिम्ब प्रसिद्धं वै, तथाऽर्वा१० प्रतियाति नाथ ११ ॥ २६६१ ।। एतन्नामानि मन्यन्ते, प्रतिमायाश्च पण्डितैः”। १. मूत्ति का अर्थ है - आकार, आकृति । पडिमा, प्रतिमा । प्रतिबिम्ब, प्रतिरूप। प्लान, नक्शा। ५. , - चित्र, छवि, फोटो। . ये सभी एक ही अर्थ के सूचक पर्यायवाची शब्द हैं। د س ه م (७) मूत्ति का विश्वव्यापक सिद्धान्त उक्त इन आकृति-आकारों को किसी-न-किसी प्रकार से स्वीकार किये बिना अर्थात् आदर किये बिना किसी वस्तु-पदार्थ का काम नहीं चल सकता। एक छोटे शिशुबालक से लगाकर यावत् बड़े ज्ञानी तक सभी को अपने अभीष्ट-इच्छित की सिद्धि के लिये सबसे पूर्व मूत्ति-प्रतिमा की अत्यन्त आवश्यकता रहती ही है। विश्व में चाहे वह धार्मिक कार्य हो, व्यावहारिक कार्य हो, सामाजिक कार्य मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-१४
SR No.002340
Book TitleMurti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1990
Total Pages348
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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