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व्याख्यान में घाणेराववाले श्रीमान् सोहनलाल मन्नालालजी की ओर से संघपूजा हुई ।
४ - कार्तिक सुद ४ गुरुवार दिनांक २-११-८६ के दिन व्याख्यान में श्रीमान् ताराचन्दजी धरणीवाले की तरफ से संघपूजा हुई । दूसरी चौथ के दिन भी व्याख्यान के बाद प्रभावना हुई ।
* ज्ञानपंचमी की आराधना
कार्तिक सुद ५ [ ज्ञानपंचमी ] शनिवार दिनांक ४-११-८६ के दिन उपाश्रय में ज्ञान शणगारने में आया । व्याख्यान में सम्यग्ज्ञान की महत्ता एवं प्राराधना पर पूज्यपाद आचार्य म. सा. ने प्रभाविक प्रवचन किया । दोपहर में देववन्दन भी हुआ । प्रतिदिन व्याख्यान में प्रभावना - उपधान की ओर से आज
कराने वाले
भी हुई ।
* चौमासी पूर्णाहुति की आराधना
कार्तिक सुद १४ रविवार दिनांक १२-११-८६ चातुर्मास पूर्णाहुति का दिन होने से श्रीसंघ को चौमासी व्याख्यान श्रवरण करने का लाभ मिला । चौमासी देववन्दन तथा चौमासी प्रतिक्रमण भी सानन्द हुआ । उसी
मूर्ति की सिद्धि एवं मूत्तिपूजा की प्राचीनता - ३१२