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________________ वाले की क्या दशा होती है, वह कैसा पागल बनता है और मादक भोजन करने वाले की भी क्या दशा होती है, वह कैसा उन्मादी बनता है; इन बातों का सबको पता है । अरे ! एक छोटा सा बच्चा भी यह बात जानता है । (१) मूत्ति-प्रतिमाजी का विरोध करने वाले लोग अपने पूज्य पिताजी की छवि-फोटो देखकर प्रणाम करते हैं, इतना ही नहीं किन्तु उनके प्रति अपनी हार्दिक भावना प्रदर्शित करते हैं। (२) मूत्ति-प्रतिमाजी का विरोध करने वाले लोग दीवाली के प्रसंग पर धनतेरस के दिन चांदी के सिक्कारुपये आदि का दूध से प्रक्षालन करते हैं। (३) मूति-प्रतिमाजी का विरोध करने वाले लोग दीवाली के दिन बहीपूजन के प्रसंग पर दुकान के चौपड़े आदि का विधिपूर्वक पूजन श्रद्धा से करते हैं । (४) मूर्ति-प्रतिमाजी का विरोध करने वाले लोग दुकान के दरवाजे खोलने के बाद प्रवेश द्वार की यष्टिलकड़ी या भूमि-जमीन को अपना मस्तक-सिर झुकाकर हाथ से तीन बार स्पर्श करते हैं। मूत्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-९
SR No.002340
Book TitleMurti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1990
Total Pages348
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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