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दिन व्याख्यान में श्रीमान् लालचन्दजी बस्ती मलजी मेहता की ओर से संघपूजा हुई।
उसी दिन पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ सहित स्वागतपूर्वक श्रीमान् सोगमलजी हंसराजजी अम्बावत के घर पर पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन एवं मंगलाचरण के पश्चात् संघपूजा हुई ।
[ २ ] * चातुर्मास का प्रारम्भ * आषाढ़ सुद १४ सोमवार दिनांक १७-७-८६ के दिन आषाढ़ी चातुर्मास की आराधना (देववन्दनादि की) संघ में हई। उसी दिन से संघ में सलंग अट्ठम तप का प्रारम्भ हुआ। ___ आषाढ़ (श्रावण) वद १ बुधवार दिनांक १६-७-८६ के दिन 'पूज्य श्रीभगवतीसूत्र' अपने घर ले जाने का
आदेश लेने वाले श्रीमान् मोहनराजजी, केशरीमलजी, ताराचन्दजी, किस्तूरचन्दजी अम्बावत के घर पर परमशासनप्रभादक पूज्यपाद आचार्य म. सा. चतुर्विध संघ सहित तथा हाथी एवं बैन्ड युक्त जुलूस द्वारा पधारे । वहाँ पर शणगारे हुए स्थान में पू. श्री भगवतीसूत्र को
. त्ति की सिद्धि एवं मुत्तिपूजा की प्राचीनता २८५