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________________ oZDDIECZOO श्री जिनप्रतिमान स्तवन O ए व्रत जगमां दीवो मेरे प्यारे-ए राग] ZZZZZZ ए जिनप्रतिमा पूजो मेरे प्यारे ! ए जिनप्रतिमा पूजो; जगमां देव न दूजो मेरे प्यारे ! ए जिनप्रतिमा पूजो (१) करजोड़ी जिनप्रतिमा वंदी, ठाणांगने अनुसारे ; ठवण निक्षेपानी रचना कहीशु, गुरुगम विधि सुधारे। - मेरे० (२) श्री जिनप्रतिमा जिनवर सरखी, जिनवर गरगधर भाखी; मुनिवर सुरनर वंदन पूजा, अनेक सूत्र छ साखी । मेरे० (३) जंघा-विद्याचारण मुनिवर, जात्रा कारण जावे ; पांचमे अंगे भगवती सूत्रे, वीसमो शतक दिखावे । मेरे० (४) सूर्याभदेव जिनप्रतिमा पूजी, रायपसेरणी भाखे ; विजयदेव सिद्ध प्रतिमा पूजी, जीवाभिगमे दाखे । मेरे० (५) . मूर्ति की सिद्धि एवं मूर्तिपूजा की प्राचीनता-२०१
SR No.002340
Book TitleMurti Ki Siddhi Evam Murti Pooja ki Prachinta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandir
Publication Year1990
Total Pages348
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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