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[१३] ढालोप से श्री राणकपुरजी आदि पंच
तीर्थी का पदयात्रा-संघ १. बांता से विहार कर पोचेरीया-सावरलता-देवलीखारला-नाडोल होकर वैशाख सुद १३ गुरुवार दिनांक १८-५-८६ के दिन ढालोप में पधारते हुए तीर्थ प्रभावक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. का श्रीसंघ ने बैन्डयुक्त स्वागत किया। वहाँ पर तीर्थ पदयात्रा संघ था, तथा शा. धनराजजी हिम्मतमलजी राठौड़ एवं अ. सौ. प्यारीबाई धनराजजी का शुभ जीवित महोत्सव तप उद्यापन युक्त चल रहा था। पंचाह्निका महोत्सव के प्रसंग में 'श्री सिद्धचक्र महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाई गई। उसी दिन श्रीमान् धनराजजी के घर पर बैन्डयुक्त चतुर्विध संघ के साथ पूज्यपाद प्रा. म. सा. के पुनीत पगलियाँ हुए। ज्ञानपूजन एवं मंगल प्रवचन के बाद संघपूजा हुई। स्वामीवात्सल्य भी हुआ।
२. वैशाख सुद १४ शुक्रवार दिनांक १९-५-८६ के दिन प्रातः ढालोप से पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. की पावन निश्रा में श्रीमान् धनराजजी हिम्मतमलजी राठौड़ की ओर से श्री राणकपुरजी आदि पंचतीर्थी का छरीपालित पदयात्रा-संघ निकला। दादाइ गाँव में देवदर्शन
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