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के लिये पूज्यपाद आचार्य म. सा. ने बिजोवा से विहार किया।
रामाजी का गड़ा में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ
भगवान की प्रतिष्ठा (१) वैशाख सुद ४ मंगलवार दिनांक ६-५-८६ के दिन परम शासन-प्रभावक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि विहार कर रामाजी का गुड़ा में पधारे; पू. श्री का प्रभाविक प्रवचन हुआ। श्रीमान् देवराजजी के घर पर बैन्ड युक्त चतुर्विध संघ के साथ पगलियाँ हुए। ज्ञानपूजन, पैदल संघ की प्रतिज्ञा और मंगल प्रवचन के बाद श्रीमान् देवराजजी की ओर से संघपूजा हुई। जिनमन्दिर में नवग्रहादि पाटलापूजन का कार्यक्रम भी रहा ।
(२) वैशाख सुद ५ बुधवार दिनांक १०-५-८६ के दिन प्रातः पूज्य साध्वी श्री विश्वपूर्णा श्रीजी के श्री वर्द्धमान तप की ८६ वीं अोली की पूर्णाहुति के पारणे के प्रसंग पर विशेष बोली बोलकर लाभ लेने वाले श्रीमान् देवराजजी कस्तूरचन्दजी के घर पर पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि का बैन्ड युक्त चतुर्विध संघ के साथ पगलियाँ हुए। ज्ञानपूजन, मंगलप्रवचन, प्रतिज्ञा के बाद संघपूजा
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