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के दिन जैनधर्म-दिवाकर परम पूज्याचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. की पावन निश्रा में 'श्री उपधान तप की माला' का विधिपूर्वक कार्य निर्विघ्न पूर्ण हुआ।
उसी दिन शाम को श्रीमान् पुखराजजी शिवगंज वालों की ओर से उपधानवाही भाई-बहिनों को श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ की यात्रा कराने के लिये बस द्वारा श्री कोलरगढ़ तीर्थ से प्रस्थान किया।
पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि भी शाम को विहार कर पालड़ी गाँव (सिरोही) पधारे ।
* प्रथम तेरस सुमेरपुर जैन बोर्डिंग, द्वितीय तेरस जाकोड़ तीर्थ तथा चौदस फालना-अम्बाजीनगर में पूज्यपाद आचार्य म. सा. ने की।
(8) खीमेल में जिनेन्द्र-भक्ति महोत्सव
(१) खीमेल में द्वितीय चैत्र सुद तेरस से ग्यारह दिन का 'श्री जिनेन्द्र भक्ति महोत्सव' प्रारम्भ हुआ था । कुम्भ-स्थापनादि भी उसी दिन हो गयी थी। उस दिन से लगाकर महोत्सव की पूर्णाहुति तक प्रतिदिन पूजा
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