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* फागण (चैत्र) वद चौदस के दिन व्याख्यान में संघपूजा श्रीमान् तेजराजजी बाफरणा सिरोही वालों की ओर से हुई।
(५) चैत्र सुद ५ सोमवार दिनांक १०-४-८६ के दिन भवोभव के पुद्गल वोसराने की क्रिया समूह रूप में हुई तथा उस दिन 'श्री सिद्धचक्र महापूजन' विधि पूर्वक पढ़ाई गई।
(६) चैत्र सुद ८ गुरुवार दिनांक १३-४-८६ के दिन शाश्वती चैत्र मास की अोली का प्रारम्भ हुआ। उस दिन 'श्री भक्तामर महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाई गई।
(७) चैत्र सुद ६ शुक्रवार दिनांक १४-४-८९ के दिन 'श्री पार्श्वपद्मावती महापूजन' विधिपूर्वक पढ़ाई गई ।
(८) चैत्र सुद १० शनिवार दिनांक १५-४-८६ के दिन 'लघु शान्ति-स्नात्र' विधिपूर्वक पढ़ाया गया।
(6) चैत्र सुद ११ रविवार दिनांक १६-४-८९ के दिन श्री उपधान तप की पूर्णाहुति की माला का भव्य वरघोड़ा रथ, हाथी, बैन्ड युक्त निकाला गया। (१०) चैत्र सुद १२ सोमवार दिनांक १७-४-८६
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