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(३) फागण (चैत्र) वद १ गुरुवार दिनांक २३-३-८६ के दिन मांडवला गाँव से बसों द्वारा आये हुए संघ का स्वागत हुआ । परम पूज्य आचार्य म. सा. ने मंगल प्रवचन किया। बाद में पूज्यपादश्री की प्रेरणा से संघवीजी ने पैदल संघ निकालने की प्रतिज्ञा की और इधर के जिनमन्दिर में अपनी अोर से आरस-पाषाण का एक तीर्थ पट्ट लगाने की जाहेरात की।
(४) फागण (चैत्र) वद : शुक्रवार दिनांक ३१-३-८६ के दिन व्याख्यान में पुण्यप्रकाश का स्तवन तथा श्री पद्मावती की आराधना सुनाने के पश्चात् नीचे प्रमाणे तीन संघपूजा हुई। १. श्रीमान् खीमराजजी रानी स्टेशन वालों की अोर से ।
२. श्रीमान् पुखराजजी शिवगंज वालों की तरफ से ।
३. श्रीमान् रिखबदासजी शिवगंज वालों की तरफ से ।
* फागण (चैत्र) वद ग्यारस के दिन व्याख्यान में संघपूजा श्रीमान् उत्तमचन्दजी मण्डारवाले की तरफ से हुई।
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