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* मोहीगाँव-बनाड़ियागाँव होकर पौष सुद १० सोमवार दिनांक १६-१-८६ के दिन 'श्री करेड़ा तीर्थ' में तीर्थप्रभावक पूज्यपाद आचार्य म. सा. परिवार समेत पधारे । बावन जिनालय में मूलनायक श्री करेड़ा पार्श्वनाथ आदि के दर्शनादि करके दो दिन स्थिरता की।
बारस के दिन नवाडरीया गाँव पधारे। वहाँ पर नूतन जिनमन्दिर का कार्य चालू कराने की पूज्यश्री ने प्रेरणा दी। श्री नेमीचन्दजी गोखरू आदि ने सानन्द स्वीकार किया ।
[७] श्री फतहनगर में प्रवेश और प्रतिष्ठा महोत्सव
पौष सुद १३ गुरुवार दिनांक १६-१-८६ के दिन जैनधर्मदिवाकर परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा., पू. मुनिप्रवर श्री रत्नशेखर विजयजी म., पू. मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. तथा पू. मुनि श्री रविचन्द्र विजयजी म. आदि प्रतिष्ठा हेतु फतहनगर में पधारे वहाँ श्रीसंघ ने बैन्ड युक्त भव्य स्वागत किया। अनेक गहुँलिएँ हुईं। श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनमन्दिर में दर्शनादि के बाद, शणगारे हुए विशाल मण्डप में पूज्यपाद आचार्य म. सा. का
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