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का प्रवचन भी हुआ। विधिपूर्वक पौष दशमी के अट्ठम तथा एकासणादिक के साथ प्रभावना युक्त प्रभुपूजा भी पढ़ाई गई । __मागसर [पौष] वद ११ मंगलवार दिनांक ३-१-८६ के दिन नाडोल में पधारते हुए पूज्यपाद प्रा. म. सा. का श्री संघ की ओर से स्वागत हुआ। जिनमन्दिरादि के दर्शनादि के बाद जैन उपाश्रय में परम पूज्याचार्य म. सा. का मांगलिक प्रवचन हुआ। वहाँ पर स्थित वयोवृद्ध पू. मुनिराज श्री हिम्मत विजयजी म. का भी संमिलन हुआ।
मागसर [पौष] वद १२ बुधवार दिनांक ४-१-८६ के दिन नाइलाई पधारे। स्वागत के बाद जिनमन्दिरों के दर्शनादि हुए। श्री संघ को जिनप्रवचन श्रवण करने का लाभ मिला।
३. मागसर (पौष) वद १३ दिनांक ५-१-८६ के दिन नाडलाई से विहार कर मरुधरदेशोद्धारक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म.सा. आदि का श्री सुमेर तीर्थ में पधारते हुए जैन पेढ़ी की ओर से स्वागत हुआ। पूज्य पंन्यासप्रवर श्री रत्नाकर विजयजी म. तथा पूज्य मुनिराज श्री राजशेखर विजय