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आदि सबके साथ नेहरू नगर में श्री मुनिसुव्रत भगवान के दर्शनार्थ पधारे। वहाँ भी प्रभुदर्शनादि के बाद श्री संघ को मांगलिक सुनाकर बाद में विहार कर पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. अपने परिवार समेत श्रीमान् किशोरचन्दजी के घर पर पधारे। वहाँ पर भी प्रभावना हुई। वहाँ से विहार कर परम पूज्य आचार्य म. सा. श्रीमान् मोहन लालजी पारेख की फैक्टरी में पधारे ।
[६] श्री वरकाणा तीर्थ में पौष दशमी ___ पाली से गुन्दोज-खौड़-सांचोड़ी होकर मागशर [पौष] वद १० सोमवार दिनांक २-१-८६ के दिन श्री वरकारणा तीर्थ में पधारते हुए तीर्थप्रभावक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म.सा. का जैन पेढ़ी की ओर से स्वागत हुआ। सद्गुणानुरागी पूज्य आचार्य श्रीमद् विजय प्रद्योतन सूरिजी म. सा. आदि का संमिलन हुआ। जिनमन्दिर के दर्शनादि बाद दोनों प्राचार्य महाराज की शुभ निश्रा में श्री वरकाणा छात्रावास के बालकों और विद्यावाड़ी की बालिकाओं को धार्मिक परीक्षा के इनाम-वितरण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। पूज्याचार्य महाराज आदि
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