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________________ कर पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. ने भेरूबाग में वद एकम तक स्थिरता की । ॐ मागशर सुद ११ सोमवार दिनांक १६-१२-८८ के दिन पूज्यपाद आचार्य म. सा. का 'मौन एकादशी का महत्त्व' विषय पर प्रभाविक प्रवचन रहा । एक सद्गृहस्थ की ओर से संघपूजा हुई । देववन्दन का कार्यक्रम रहा । * मागशर सुद १३ बुधवार दिनांक २१-१२-८८ के दिन 'श्री शान्ति जिनपूजन' श्रीमान् लालचन्दजी की ओर से विधिपूर्वक पढ़ाई गई । * मागशर सुद १४ गुरुवार दिनांक २२-१२-८८ के दिन व्याख्यान में श्रीमान् जेठमलजी राठौड़ की ओर से संघपूजा हुई तथा श्रीमान् राखड़मलजी की तरफ से सामुदायिक आयंबिल हुए। भी उनको प्रोर से प्रभुपूजा पढ़ाई गई । । पूनम के दिन * मागशर (पौष) वद १ शनिवार दिनांक २४१२-८८ के दिन श्रीमान् मंगलचन्दजी गोलिया के घर पर पूज्य प्रा. म. सा. के पगलियाँ हुए I ( १० )
SR No.002338
Book TitleJinmandiradi Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri, Ravichandravijay
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year1997
Total Pages220
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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