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ध्वनियों के बीच आपका स्वागत किया। जिनमन्दिर के दर्शनादि के बाद पूज्यपाद श्री के प्रभाविक प्रवचन का लाभ श्री संघ को सुन्दर मिला । [३] साथीन गाँव में प्रवेश और प्रतिष्ठा-महोत्सव
के कात्तिक [मागशर वद १३ बुधवार दिनांक ७-१२-८८ के दिन प्रातःकाल में पीपाड़ सिटी से विहार कर शासनरत्न परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि ठाणा-३ तथा पूज्य साध्वी श्री भाग्यलता श्रीजी आदि ठाणा-१२ प्रतिष्ठा हेतु साथीन गाँव में पधारे । जैनसंघ की प्रोर से श्री कुन्थुनाथ भगवान का तथा पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि साधु-साध्वीजी म. का भी बैन्ड युक्त मंगल प्रवेश हुआ। प्रतिष्ठा निमित्त नौ दिन के महोत्सव के प्रारम्भ के साथ कुम्भ-स्थापनादि का भी कार्यक्रम हुआ । प्रतिदिन व्याख्यान, प्रभुपूजा, दोनों टंक स्वामीवात्सल्य तथा रात को भावना का कार्यक्रम चालू रहा । __ अमावस के दिन साथीन-निवासी श्रीमान् मदनलालजी धोका के घर पर बाजते-गाजते परम पूज्य आचार्य म. सा. आदि पधारे। वहाँ ज्ञानपूजन एवं