________________
मांगलिक श्रवण के बाद श्री मदनलालजी ने प्रतिदिन प्रभु की पूजा करने का नियम लेकर संघपूजा की।
* मागशर सुद २ रविवार दिनांक ११-१२-८८ के दिन पूज्य साध्वी श्री दिव्यप्रज्ञा श्री जी म. की श्री वर्द्ध मान तप की ६० वीं अोली के पारणा के प्रसंग पर साथीननिवासी श्रीमान् पारसमलजी के घर पर पूज्यपाद आचार्य महाराजश्री आदि बाजते-गाजते पधारे। वहाँ ज्ञानपूजन एवं मांगलिक श्रवण के पश्चाद् श्री पारसमलजी ने सजोड़े ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा लेकर प्रभावना की। उसी दिन विशेष रूप में जिनमन्दिर में नवग्रहादि पाटलापूजन का कार्यक्रम रहा ।
___तीज-चौथ के दिन विशेष रूप में जिनमन्दिर में अठारह अभिषेक तथा ध्वज-दण्ड-कलशाभिषेक पूजन का कार्यक्रम रहा।
___ मागशर सुद ५ मंगलवार दिनांक १३-१२-८८ के दिन विशेष रूप में देवीपूजन हुआ तथा जल-यात्रा का भव्य जुलूस (वरघोड़ा) निकला । उसी दिन परम शासनप्रभावक पूज्यपाद आचार्य म. सा. के सदुपदेश से व्याख्यान में ही जहाँ पर पू. प्रा. म. सा. को