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श्रावक जीवन के कर्त्तव्य
जैनधर्मी श्रावक के अपने जीवन के योग्य कर्त्तव्य क्या हैं ? उनका संक्षिप्त निर्देश नीचे प्रमाण है
( १ ) श्रावक अपने जीवन पर्यन्त सुदेव, सुगुरु और सुधर्म को ही माने, उन्हीं को ही स्वीकारे और उन्हीं को ही पूजे, अन्य किसी को नहीं ।
(२) श्रावक अपनी शक्ति के अनुसार जिनमन्दिर, जिनमूर्ति, जिनागम, साधु, साध्वी, श्रावक एवं श्राविका इन सात क्षेत्रों की सेवा-भक्ति स्वयं अवश्य करे, अन्य से भी करावे और करने वालों की अनुमोदना करे ।
(३) श्रावक पूज्य गुरु भगवन्त के पास जाकर श्रावक के बारह व्रतों को समझकर उनको अपने जीवन
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