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रहित जो नाम वह 'नामनिक्षेप' कहलाता है । जैसेजिनेश्वर देवों के श्रीऋषभादि चौबीसों तीर्थंकर भगवन्तों के नाम, वे 'नामजिन' कहलाते हैं ।
( २ ) वस्तु - पदार्थ के नाम तथा आकार-प्रकृति युक्त किन्तु गुणरहित हो, वह ' स्थापनानिक्षेप' कहलाता है । जैसे - जिनेश्वर श्री ऋषभादिक तीर्थंकर भगवन्तों की मूर्ति प्रतिमा बिम्ब-छवि-चित्र वे सभी 'स्थापनाजिन' कहलाते हैं ।
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(३) वस्तु-पदार्थ के नाम, आकार आकृति तथा प्रतीत अनागत गुणयुक्त किन्तु वर्तमान में गुणरहित हो, वह 'द्रव्यनिक्षेप' कहलाता है । जैसे - जिननाम गोत्रकर्म
बाँधने वाले श्री ऋषभादि तीर्थंकर भगवन्तों के जीव, वे 'द्रव्यजिन' कहलाते हैं ।
(४) वस्तु - पदार्थ के नाम, आकार आकृति तथा वर्तमान गुणयुक्त जो हो, वह 'भावनिक्षेप' कहलाता है । जैसे - दिव्य समवसरण में धर्मोपदेश - धर्मदेशना के लिए साक्षात् बिराजमान श्रीॠषभादिक चौबीस जिनेश्वरदेव 'भावजिन' कहलाते हैं ।
'श्रीग्रहशान्ति स्तोत्र' में कहा है कि
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