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के दिन प्रातः पाहुवागांव से विहार कर मारवाड़ जंक्शन पधारे। जिनमन्दिर में दर्शनादि किये। तथा जैन धर्मशाला में स्थिरता की। बाद में स्थानक में पूज्यपाद आचार्य म. सा. का और पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तमविजयजी म. का व्याख्यान हुआ। दशमी के दिन भी स्थानक में परमपूज्य आचार्य म. सा. का प्रवचन हुआ। • आषाढ़ (ज्येष्ठ) वद ११ रविवार दिनांक २१-६-८७ के दिन मारवाड़ जंक्शन से प्रातः विहार कर सोजतसिटी पधारे। वहाँ राजस्थान दीपक परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशोलसूरीश्वरजी म. सा. आदि का श्रीसंघ ने बेन्ड युक्त स्वागत किया। जिनमन्दिर में दर्शनादि करके जैन उपाश्रय में पधारे। तीन दिन की स्थिरता की। उसमें ग्यारस, बारस और तेरस तीनों दिन पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. के प्रभावपूर्ण प्रवचन का लाभ श्रीसंघ को सुन्दर मिला। • आषाढ़ (ज्येष्ठ) वद दूसरी १३ बुधवार दिनांक २४-६-८७ के दिन प्रातः सोजतसिटी से विहार कर सोजतरोड पधारे। वहां पर शासनरत्न परम पूज्य आचार्य म. सा. आदि का श्रीसंघ ने बेन्ड युक्त स्वागत
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