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(२) आषाढ़ (ज्येष्ठ) वद ५ मंगलवार दिनांक १६-६-८७ के दिन प्रातः पूज्यपाद प्राचार्यदेव का प्रवचन हुआ । बाद में श्रीमान् सोहनराज जोधराजजी धोका के घर पर परमपूज्य आचार्य म. सा. चतुविध संघ सहित बाजते- गाजते पधारे । वहाँ पर ज्ञानपूजन एवं मंगलप्रवचन के पश्चात् संघपूजा हुई । उसी माफिक श्रीमान् पारसमल प्रेमराजजी गादिया के घर पर भी पूज्यपाद आचार्यदेव पधारे। वहाँ पर भी ज्ञानपूजन एवं मंगलप्रवचन के बाद संघपूजा हुई ।
(३) आषाढ़ (ज्येष्ठ) वद ६-७ बुधवार दिनांक १७-६-८७ के दिन शास्त्रविशारद - साहित्यरत्न - कविभूषण पूज्यपाद आचार्य म.सा. का मंगल प्रवचन हुआ। बाद में पूज्यपादश्री ने श्रीसंघ को जिनमन्दिर के सम्बन्ध में मार्गदर्शन दिया ।
आषाढ़ (ज्येष्ठ) वद ८ गुरुवार दिनांक १८-६-८७ के दिन प्रातः देवली से विहार द्वारा श्रावागाँव पधारे । वहाँ पर पूज्यपाद आचार्य म. सा. आदि ने जिनमन्दिर में दर्शनादि किये । बाद में श्रीसंघ को मांगलिक सुनाया ।
आषाढ़ (ज्येष्ठ) वद ६ शुक्रवार दिनांक १६-६-८७ ( २०० )