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________________ की शुभनिश्रा में हुआ। वहाँ पर ही प्रभावना सहित पूजा पढ़ाई गई। उसी दिन न्याती नोहरे में श्रीमान् रतनचंदजी कोठारी की तरफ से स्वामीवात्सल्य भी हुआ। • जेठ सुद ६ बुधवार दिनांक ३-६-८७ के दिन कुंभस्थापना, अखण्डदीपक तथा जवारारोपण की विधि हुई। पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. तथा पूज्य मुनिराज श्रीजिनोत्तमविजयजी म. इन दोनों के प्रवचन का लाभ श्रीसंघ को मिला। • जेठ सुद ७ गुरुवार दिनांक ४-६-८७ के दिन नवग्रहदशदिग्पाल-अष्टमंगल पाटला पूजन की विधि हुई। साथ ही पूज्यपाद आचार्य म. सा., पूज्य मुनिराज श्रीजिनोत्तमविजयजी म. तथा पूज्य मुनिराज श्रीरविचन्द्रविजयजी म. इन तीनों के व्याख्यान का लाभ श्रीसंघ को मिला । • जेठ सुद ८ शुक्रवार दिनांक ५-६-८७ के दिन जलयात्रा का शानदार जुलूस-वरघोड़ा निकाला । • जेठ सुद ६ शनिवार दिनांक ६-६-८७ के दिन परमपूज्य आचार्य महाराज सा. की शुभनिश्रा में पूज्य साध्वी श्री गरिमाश्रीजी की शिष्या पूज्य साध्वी श्रीवल्लभ श्रीजी ( १९४ )
SR No.002334
Book TitleGandharwad Kavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilsuri
PublisherSushilsuri Jain Gyanmandiram
Publication Year1987
Total Pages442
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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