________________
से रानी गाँव पधारते हुए। उनका बेन्ड युक्त स्वागत श्रीमान् जीवराजजी नथमलजी पुनमिया की ओर से हुआ। स्वागत में पधारे हुए विद्वान् गणिवर्य श्रीगुणरत्न विजयजी म. आदि का सानन्द संमिलन हुआ। जिनमन्दिर में दर्शनादि के बाद न्याती नोहरे में पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. का तथा पूज्य गणिवर्य श्रीगुणरत्नविजयजी म. सा. का मंगल प्रवचन हुआ। श्रीमान् जीवराजजी नथमलजी पुनमिया एवं श्रीमती हीरीबाई के शुभ जीवित महोत्सव पर पधारे हुए पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि चतुर्विध संघ तथा बेन्ड युक्त श्रीमान् जीवराजजी के घर पगलियां किये। ज्ञानपूजन एवं मांगलिक श्रवण के बाद वहाँ पर प्रभावना हुई। चलते हुए जीवित महोत्सव में अाज भी पूजा-प्रभावना-प्रांगी-रोशनी आदि का कार्यक्रम रहा। तदुपरान्त जुलूस-वरघोड़ा भी निकला। रात को भावना हुई।
• ज्येष्ठ (वैशाख) वद १० शुक्रवार दिनांक २२-५-८७ के दिन प्रातः रानी गांव के स्कूल के विभाग में शणगारा हुआ। विशाल मण्डप में श्रीसंघ की ओर से 'श्रोग्राध्यात्मिक ज्ञान शिविर' का उद्घाटन जैनधर्मदिवाकर परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी म.सा.
( १८९ )