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श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. आदि का श्रीमान् मांगीलाल घीसूलाल बदामिया की ओर से बेन्ड युक्त स्वागत हुआ तथा दोनों बन्धुत्रों के घर पर पूज्यपाद श्री के पुनीत पगलिये हुए। जलयात्रा का भव्य वरघोड़ा निकला। ५०० आयंबिल को पूर्णाहुति एवं पारणा के उपलक्ष में नयी आबादी के श्रीमहावीर स्वामी जिनमन्दिर में चलते हुए महोत्सव में पूज्यपाद प्राचार्य म.सा. की शुभ निश्रा में श्रीशान्तिस्नात्र विधिपूर्वक पढ़ाया गया और जैन न्याती नोहरे में स्वामीवात्सल्य हुआ। पूज्यपाद आचार्य म.सा. अादि विहार द्वारा शाम को मुण्डारा गाँव पधारे। • अष्टमी के दिन प्राचार्यश्री मुण्डारा से रानी स्टेशन पर पधारे।
१४ रानी गाँव में श्रीसिद्धचक्र महापूजन
युक्त अष्टाह्निका-महोत्सव ज्येष्ठ (वैशाख) वद ६ गुरुवार दिनांक २१-५-८७ के दिन नित्य सूरिमन्त्रसमाराधक पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. आदि रानी स्टेशन
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