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पधारे। वहाँ पर भी ज्ञानपूजन एवं मंगल प्रवचन के पश्चात् संघपूजा हुई । उसी दिन जोधपुर नगर में 'गुरों का तालाब - गोलियाँ के मन्दिर' में प्रति प्राचीन श्री पार्श्वनाथ जिनबिम्बादिक की प्रतिष्ठा निमित्त 'श्रष्टाहि नका - महोत्सव' का प्रारम्भ श्री वर्द्धमानचन्दजी गोलिया की तरफ से हुआ । वहाँ पर भी पूज्यपाद प्राचार्यदेव श्री उसी दिन पधार कर तथा कुम्भस्थापनादि विधि का कार्य बता कर वापस क्रियाभवन में पधार गये ।
फागुन (महा) वद १२-१३ बुधवार दिनांक २५-२-८७ के दिन प्रातः श्री जैन क्रियाभवन से जैनधर्मदिवाकर पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. आदि चतुविध संघ तथा बेन्ड युक्त पावटा पधारते हुए बीच में श्रीमान् जेठमल जी राठौड़ सेवाड़ी वाले के बंगले पर पधारे । वहाँ पर भी ज्ञानपूजन एवं मंगल प्रवचन के बाद संघपूजा हुई । वहाँ से श्रीमान् भैरूसिंहजी के बंगले पर पधारे। वहाँ पर ज्ञानपूजन और व्याख्यान के पश्चात् प्रभावना हुई ।
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फागुन (महा) वद १४ गुरुवार दिनांक २६-२-८७ के दिन प्रातः पावटा से भैंरूबाग पधारते हुए परमपूज्य आचार्यदेव आदि का श्रीसंघ ने बेन्ड युक्त स्वागत किया । वहाँ पर पूज्यपाद आचार्य श्री विजय विबुधप्रभसूरिजी
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