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शुक्रवार दिनांक २१-११-८६ के दिन कोटगाँव से विहार कर मुण्डारा गाँव में उपधान तप के उपलक्ष में पूज्यपाद प्राचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. ने पूज्य उपाध्यायश्री विनोदविजयजी गरिणवर्य, पू. मुनिश्री प्रमोदवि. म. पू. मुनिश्री शालिभद्र वि. म. पू. मुनिश्री जिनोत्तम वि. म. पू. मुनिश्री अरिहन्त वि. म. तथा पू. मुनिश्री रविचन्द्र वि. म. आदि एवं पू. साध्वीश्री ललितप्रभाश्रीजी प्रादि साध्वीवृन्द सहित स्वागतपूर्वक मंगल प्रवेश किया । मंगल प्रवचन के बाद उपधान कराने वाले शा. बस्तीमल रायचन्दजी मण्डलेशा की ओर से प्रभावना की गई तथा श्री पंचकल्याणक पूजा पढ़ाई गई ।
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( २ ) मागशर (कार्तिक) वद 8 बुधवार दिनांक २६-११-८६ के दिन परम पूज्य आचार्य म. सा. ने बेन्ड - युक्त चतुर्विध संघ सहित शा. बस्तीमल रायचन्दजी के घर पर पगलां किये । वहाँ मंगल प्रवचन, प्रतिज्ञा एवं ज्ञानपूजन के बाद एक-एक रुपये की प्रभावना हुई ।
(३) मागशर (कार्तिक) वद १० गुरुवार दिनांक २७-११-८६ के दिन उपधान कराने वाले शा. बस्तीमल रायचन्दजी की तरफ से उपधान में प्रवेश करने वाले
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