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६ इस ग्रन्थ के द्रव्यसहायकों की शुभ नामावली ?
(१) परमपूज्य-शासनसम्राट समुदाय के आज्ञावत्तिनी स्वर्गीया-प्रवर्तिनी पूज्य साध्वी श्री सौभाग्यश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री गुलाबश्रीजी म. को शिष्या पूज्य साध्वी श्री गुरगश्रीजी म. को शिष्या पूज्य साध्वी श्री प्रवीणाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री रयरणयशाश्रीजी म. (संसारी अवस्था को सुपुत्री) के सदुपदेश से, गुजरात-सौराष्ट्र-दाठागाँव के निवासी स्वर्गीय सलोत श्री रतिलाल जेठालाल के स्मरणार्थ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती धीरजबहिन तथा सुपुत्र शा. खान्तिभाई, जितेन्द्रभाई, प्रदीपभाई तथा हरीशभाई प्रादि सलोत परिवार ।
(२) श्री नाकोड़ातीर्थोद्धारक स्वर्गीय परमपूज्य आचार्य श्रीमद् विजय हिमाचल सूरीश्वरजी म. सा. के समुदाय के आज्ञावत्तिनी पूज्य साध्वी श्री शान्तिश्रीजी म. तथा उनकी शिष्या पूज्य साध्वी श्री
जी म. के सदुपदेश से, राजस्थानमारवाड़ सुप्रसिद्ध श्री राणकपुरतीर्थ निकटवत्ति सादड़ीशहर की बहिनों का नया उपाश्रय ।
(३) जैनधर्मदिवाकर परमपूज्य आचार्य श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. के विद्वान् शिष्य रत्न पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तम विजयजी म. के शिष्यरत्न पूज्य मुनिराज श्री रविचन्द्र विजयजी म. के सदूपदेश से, राजस्थान-मारवाड-बागोल का श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ ।
(४) शास्त्रविशारद परमपूज्य आचार्य श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. के सदुपदेश से गुजरात-चाणस्मा श्री जनसंघ पेढ़ी।
(५) शा. सुरेशकुमार घेवरचन्दजी नागोत्रा सोलंकी, नांवी गाँव राजस्थान: