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शान्ति के लिए परम कृपालु जिनेश्वरदेव से हम प्रार्थना करते हैं। इनके शिष्यरत्न मुनिराज श्री रत्नशेखर विजयजी म. सा. सरल स्वभावी हैं ।
राजस्थान-दीपक, जैनधर्म-दिवाकर प. पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. दिवंगत उपाध्यायजी म. सा. के गुणों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। 'गुणेहि साहू' । सचमुच सद्गुणों से विभूषित उपाध्यायजी म. थे।
-जवाहरचन्द्र पटनी, फालना
: पन्द्रह :