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२५. दीक्षा पर्याय : २६ वर्ष । (काल)
२६. छद्मस्थ पर्याय : १० वर्ष 1
२७. शास्त्ररचना
२८. गुणसम्पदा
२६. लब्धियाँ
३०. केवलज्ञान
: सर्वज्ञ विभु श्री महावीर परमात्मा से. त्रिपदो सुन कर अन्तर्मुहूर्त में द्वादशाङ्गी ( आचारांग आदि बारह आगमसूत्रों) की सम्पूर्ण रचना बीजबुद्धि द्वारा की ।
: सुसंयम, ज्ञान, ध्यान, तप, विनय, विवेक, क्रिया तथा सेवा-भक्ति इत्यादि अनेक सद्गुणों के भण्डार थे ।
: केवलज्ञानादि सकल लब्धियों के निधान थे ।
: ४७ वें वर्ष के प्रारम्भ में केवलज्ञान प्राप्त किया ।
१६ वर्ष ।
: अन्तिम अवस्था में अनशन पादोपगमन का किया ।
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३१. केवली पर्याय:
३२. अनशन