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5 पाँचवें गणधर श्री सुधर्मा
: श्री सुधर्मा ।
: श्री धनमित्र ( श्री धम्मिल ) ।
: भहिलादेवी ।
: विप्र ( ब्राह्मण ) ।
: अग्निवेश्यायन गोत्र ।
: कोल्लाक गाँव ।
: कन्या राशि |
: उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र । स्वर्ण (सोना) के समान वर्ण और रूप आहारक देहरूप से भी अधिक । : महान् तेजस्वी, महान् प्रभावशाली ।
: सात हाथ ।
१. नाम
२ . पिताश्री
३. मातुश्री
४. जाति
५. गोत्र
६. जन्मभूमि
७. जन्मराशि
८. जन्मनक्षत्र
६. देह का वर्ण
और रूप
१०. प्राकृति
११. ऊँचाई
१२. संघयण
१३. संस्थान
१४. व्यवसाय
१५. ज्ञान
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: वज्रऋषभ नाराच संघयण |
: समचतुरस्र संस्थान ।
: अध्यापन कार्य एवं अनुष्ठान क्रिया ।
: गृहस्थावस्था में चौदह विद्या के पारगामी तथा दीक्षावस्था में सम्यग् -
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