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________________ अधिकार-कर्त्तव्य और अपराध एवं दण्ड / 393 इन आत्मिक कर्तव्यों की प्रेरणा जैन श्रमण वर्ग भी मानव-मात्र को देते कर्तव्यों के विषय में ड्रडले ((Bradley) ने एक नई बात कही है उसका कथन है मेरा स्थान और उसके कर्तव्य (My station and its duties)। स्थान से उसका अभिप्राय व्यक्ति की विशिष्ट स्थिति से है। वह प्रत्येक मानव के तीन प्रकार के कर्तव्य मानता है-1. व्यक्तिगत, 2. सामाजिक, और 3. स्थिति विशेष से सम्बन्धित। व्यक्तिगत और सामाजिक कर्तव्य तो वही हैं, जिनका उपर्युक्त पंक्तियों में विवेचन हो चुका है। विशेष स्थिति से संबंधित वे कर्तव्य हैं जो व्यक्ति को विशिष्ट स्थिति में करने पड़ते हैं। ___ उदाहरणार्थ-कोई जन-नेता यदि मंत्री बन जाता है तो उसके कर्तव्यों में परिवर्तन हो जाता है, उसे मंत्री-पद से संबंधित कार्य करने पड़ते हैं। यही स्थिति एक क्लर्क के मैनेजर बन जाने पर उपस्थित होती है, उसके क्लर्क संबंधी कर्तव्य समाप्त हो जाते हैं, और मैनेजर संबंधी कर्तव्य (Pertaining to management) प्रारंभ हो जाते हैं। यह स्थिति सभी क्षेत्रों में समुत्पन्न होती है। जैसे-परिवार में बालक के कर्तव्य, पिता बनते ही भिन्न हो जाते हैं। ब्रैडले इन कर्तव्यों को स्थान द्वारा निश्चयात्मक रूप से निर्धारित कर्तव्य कहता है और प्रेरणा देता है कि व्यक्ति को इन कर्तव्यों का पालन व्यक्तिगत सर्वोच्च शुभ और सर्वोच्च शुभ की सिद्धि/प्राप्ति के लिए करना चाहिए। इस सर्वोच्च शुभ की प्राप्ति का उपाय कार्लाइल ने इन शब्दों में बताया है-"जो कर्तव्य तुम्हारे सबसे निकट है उसका पालन करो" और "जिस कार्य को तुम कर सकते हो उसको जानो और हरक्युलिस के तुल्य उस में जुट जाओ।" इस सर्वोच्च कर्तव्य को मैकेंजी ने भी स्वीकार किया है। वह कहता है-“यह वह आदेश है जो हमें बुद्धिमय आत्मा और तत्संबंधी मूल्यों के लाभ की आज्ञा देता है।" मैकेंजी के इन शब्दों में बुद्धिमय आत्मा और उसमें गर्भित मूल्यों की प्राप्ति की प्रेरणा है। ब्रैडले और मैकेंजी दोनों के विचारों को सामान्य और विशिष्ट सिद्धान्त (G. S. Theory) के अन्तर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है। सामान्य सर्वोच्च शुभ के
SR No.002333
Book TitleNitishastra Jain Dharm ke Sandharbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherUniversity Publication Delhi
Publication Year2000
Total Pages526
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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