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नीतिशास्त्र की पृष्ठभूमि / 11
नीति और नीयत ___नीति से मिलता-जुलता उर्दू शब्द है नीयत । नीयत का अर्थ-अभिप्राय, संकल्प अथवा इरादा (intention) है। इरादा बुरा भी हो सकता है और अच्छा भी। किसी को हानि पहुंचाने का संकल्प भी किया जा सकता है और किसी को लाभ पहुंचाने का भी। सत्संकल्प और दुःसंकल्प भी हो सकता है।
नीयत का अभिप्राय मनुष्य की मानसिक प्रवृत्तियाँ भी हैं और उसका लौकिक व्यवहार भी। यह शब्द दोनों ही की ओर संकेत करता है। उर्दू का यह शेर नीयत शब्द के अभिप्राय को प्रगट करता है--
न सूरत बुरी है, न सीरत बरी है।
बुरा है वही, जिसकी नीयत बरी है। संकल्प अथवा इरादे का प्रभाव नीयत पर पड़ता है। किसी व्यक्ति की नीयत कैसी है, वह उसके शब्दों से ज्ञात नहीं हो पाता; वह क्या करता है, यही उसकी नीयत का मापदण्ड है।
इस दुनिया में न जेब किसी की खाली रहे।
घर में दीवाली, जीवन में हरियाली रहे । यह भावना एक सज्जन, सत्पुरुष, संत की हो तो उसकी नीयत अच्छी है और यदि किसी ठग, पॉकेटमार, चीर की हो तो बुरी है। दोनों के इरादे में आकाश-पाताल का अन्तर है। सज्जन अन्य पुरुषों की, संसार की उन्नति की नीयत रखता है; जबकि दुर्जन उन्हें लूटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहता है।
सज्जन कहता है"भला सभी का किया चाहता हूँ। स्वार्थी व बेईमान इसमें आगे यों जोड़ देता है"लेकिन शुरू अपने घर से किया चाहता हूँ।
जिस प्रकार नीति के तीन भेद हैं-नीति, अनीति और दुर्नीति; उसी प्रकार नीयत के भी तीन प्रकार हैं-भली नीयत, स्वार्थ सिद्ध करने वाली नीयत और बुरी नीयत। नीति और पॉलिसी (policy)
नीति, व्यावहारिक नीति अथवा मानव के व्यावहारिक कार्यकलापों के लिए अंग्रेजी का शब्द (policy) समकक्ष है। इसका अर्थ है-कार्य करने का