SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 282
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 254 / जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन (21) लब्धलक्ष्य-जीवन के साध्य का ज्ञाता। इसी प्रकार के 17 गुणों का निर्देश पंडित आशाधरजी ने अपने सागार धर्मामृत में किया है। किन्तु इन सभी गुणों का समावेश आचार्य हेमचन्द्र द्वारा वर्णित 35 गुणों में हो जाता है। इन गुणों के धारण और परिपालन का जीवन में सबसे बड़ा लाभ यह होता है उस व्यक्ति की समस्त वृत्ति-प्रवृत्तियाँ और आचरण अनशासित हो जाता है। विचारधारा में नैतिकता ओतप्रोत हो जाती है और उसी नैतिकता से उसका व्यावहारिक जीवन अनुप्राणित तथा संचालित होता है। व्यावहारिक जीवन की नैतिकता मानव को नैतिक उत्कर्ष की ओर प्रेरित करती है और वह उस ओर कदम बढ़ाता है, नीति के उत्कर्ष से अपने जीवन को ओत-प्रोत करने का दृढ़ प्रयास करता है। 1. धम्मरयणस्सजोगो अखुद्दो रूववं पगइसोम्मो। लोयप्पियो अक्कूरो, भीरु असठो सुदक्खिन्नो।। लज्जालुओ दयालु मज्झत्यो सोम्मदिट्ठी गुणरागी। सक्कह सपक्खजुत्ते, सुदीहदंसी विसेसन्नू।। बुड्ढागुणे विणीओ, कयन्नुओ परहिअत्थकारी य। तह चेव लद्धलक्खो , एगवीसगुणो हवइ सड्ढो।। __ -प्रवचनसारोद्धार, 239, गाथा, 1356-1358 2. सागार धर्मामृत (अध्याय 1) में पंडित आशाधरजी द्वारा वर्णित 17 गुण यह हैं (1) न्यायपूर्वक अर्थोपार्जन करे (2) गुणीजनों को मानने वाला (3) सत्य बोलने वाला (4) त्रिवर्ग (धर्म, अर्थ और काम) का इस प्रकार सेवन करे कि इनमें से किसी का विरोध न हो (5) योग्य (धर्माचरण में सहायक, सौम्य स्वभाव वाली) स्त्री (6) उचित स्थान (कलह रहित पास-पड़ौस) (7) ऐसा निवास स्थान जहां स्वच्छ वायु और प्रकाश का आवागमन हो (8) लज्जाशील हो (७) उचित आचरण करे (10) शुद्ध, सात्विक, शाकाहार (11) सज्जनों की संगति (12) सुबुद्धिशाली (13) कृतज्ञ (14) इन्द्रियों को वश में रखने वाला (15) धर्म का उपदेश सुनने और समझने में रुचि रखने वाला (16) दयावान (17) पापों से डरने वाला, पाप कार्यों से जिसका हृदय कांपता हो।
SR No.002333
Book TitleNitishastra Jain Dharm ke Sandharbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherUniversity Publication Delhi
Publication Year2000
Total Pages526
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy