SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 216
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 188 / जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन ___आधुनिक जीव विज्ञान ने जीव के यह लक्षण स्वीकार किये हैं, तथा इन लक्षणों का अभाव जिसमें हो, उसे अजीव संज्ञा दी है। यह तथ्य है कि कोई भी मशीन अपनी जैसी दूसरी मशीन नहीं बना सकती, अपना आकार स्वयं ही नहीं बढ़ा सकती, वह नींद भी नहीं ले सकती, और न ही वह आत्मरक्षा हेतु प्रयत्न भी कर सकती है। विज्ञान द्वारा निर्मित आधुनिकतम मशीन सुपर कम्प्यूटर है। उसमें जितने शब्द भर दिये जाते हैं, उतने ही रहते हैं, वह स्वयमेव ही नये शब्दों की रचना नहीं कर सकता। उसे कार्य करने के लिए मानवीय निर्देश एवं विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जैन दर्शन ने भी उन द्रव्यों को जिनमें जीवत्व (जीव के गुण उपयोग, चेतना आदि) नहीं है, उनको अजीव कहा है। अजीव द्रव्य के प्रमुख भेद दो हैं-(1) रूपी और (2) अरूपी। रूपी का अभिप्राय हैं, जिनमें स्पर्श, रस, गंध, वर्ण-यह चार गुण हों, ऐसा द्रव्य पुद्गल है। इसे अंग्रेजी में Matter कहा जाता है। अरूपी द्रव्य वे हैं जिनमें स्पर्श, गंध, रस और वर्ण नहीं है। ऐसे द्रव्य 4 हैं- (1) धर्मास्तिकाय, (2) अधर्मास्तिकाय (3) आकाशास्तिकाय और, (4) काल। अधर्मास्तिकाय जीव-पुद्गल के ठहरने में उदासीन रूप में सहायक होता है, जैसे वृक्ष की छाया, धर्मास्तिकाय मछली के लिए जल के समान उदासीन गति सहायक का कार्य करता है। आकाश सबको अवगाहन अथवा स्थान देता है और काल समय बताता है, वस्तु को नई-पुरानी आदि दर्शाता है, परिवर्तन और परिणमन का निमित्त बनता है। अन्य तत्व जीव और अजीव के अतिरिक्त सात तत्व और हैं। आस्रव कर्मों का जीव में आगमन है, बंध उन कर्मदलिकों का आत्मा के साथ एकाकार हो जाना है। पुण्य आत्मा की शुभ प्रवृत्ति है और पाप अशुभ प्रवृत्ति है। संवर आस्रव का विरोधी अथवा कर्मों के आगमन का रुकना है तथा निर्जरा पूर्व में बंधे हुए कर्मों का झड़ जाना, आत्मा से पृथक 1. उत्तराध्ययन सूत्र, 28/7-10
SR No.002333
Book TitleNitishastra Jain Dharm ke Sandharbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherUniversity Publication Delhi
Publication Year2000
Total Pages526
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy