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________________ 182 / जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन (24) अविनय मिथ्यात्व-पूज्यजनों तथा सत्य तत्वों के प्रति असम्मान का भाव रखना, उनकी आज्ञा न मानना। (25) आशातना मिथ्यात्व-पूज्यवर्ग की आलोचना, निन्दा करना। मिथ्यात्व का अभिप्राय विपरीत ज्ञान और ज्ञान का अभाव दोनों ही हैं। साथ ही एकांत अथवा निरपेक्ष ज्ञान भी मिथ्यात्व ही है। इसका कारण यह है कि वस्तु सापेक्षात्मक तथा अनन्तधर्मात्मक होती है-उदाहरणतः अग्नि में पाचकता, प्रकाश, ताप आदि अनेक गुण धर्म होते हैं, उनमें से एक गुण को स्वीकार करके अन्य गुणों का अपलाप करना दृष्टि विपर्यास अथवा ज्ञान की न्यूनता होने से वस्तु को पूर्णतः न समझना है। मिथ्यात्व का प्रत्यय आत्मनिष्ठ (subjective) और स्तुनिष्ठ (objective) दोनों ही प्रकार का होता है। मिथ्यात्व वस्तुतः तत्व के प्रति अविश्वास, गलत, विश्वास है। इस विश्वास के परिणामस्वरूप ज्ञान में मलिनता आती है और ज्ञान की मलिनता के कारण निर्दोष आचरण नहीं हो पाता। ऐसे व्यक्ति (मिथ्यात्वी) की सदोष आचरण स्वयमेव ही अनैतिक बन जाता है। इस प्रकार मिथ्यात्व अनैतिकता का प्रारम्भ बिन्दु है। यह सम्पूर्ण जीवन को अनैतिक बना देता है तथा इसकी चरम परिणति आचरण को अनैतिकता के रूप में व्यक्त होती है। मिथ्यात्व के विपरीत सम्यक्त्व का अभिप्राय है वस्तु के प्रति यथार्थ दृष्टिकोण-विश्वास। यथार्थ विश्वास से ज्ञान में निर्मलता आती है, परिणामस्वरूप आचरण भी निर्दोष होता है। इसीलिए जैन दर्शन ने सम्यक्त्व अथवा सम्यग्दर्शन को नैतिकता-नीतिपूर्ण आचरण का मूल आधार माना है, तथा इसी के आधार पर नैतिक प्रगति होती है। सम्यग्दर्शन का नीतिशास्त्रीय महत्व ___आचार्य जिनभद्रगणि ने तत्वरुचि को सम्यक्त्व कहा है और उत्तराध्ययन सूत्र में भी दस प्रकार की रुचि को सम्यक्त्व के भेद माने हैं। तत्त्वरुचि की अपेक्षा सम्यक्त्व का अभिप्राय सत्य की उत्कृष्ट इच्छा है। नीतिशास्त्र में सम्यक्त्व का यह अभिप्राय बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस अपेक्षा से नैतिक साधना में सम्यक्त्व को स्वयं ही अति विशिष्ट स्थान प्राप्त हो जाता है। 1. श्री अशोक मुनि-सम्यग्दर्शन : एक अनुशीलन, पृष्ठ 443-449 ।
SR No.002333
Book TitleNitishastra Jain Dharm ke Sandharbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherUniversity Publication Delhi
Publication Year2000
Total Pages526
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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