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________________ 10 नैतिक निर्णय (MORAL DECISIONS) जीवन एक यात्रा है । इस यात्रा में हर अगला कदम उठाने से पहले निर्णय लेना आवश्यक होता है । मानव अनिर्णय की स्थिति में अधिक देर तक रह नहीं सकता। उसे प्रतिदिन / प्रतिपल निर्णय लेने पड़ते हैं, उन निर्णयों में कुछ आत्मगत (Subjective) होते हैं और कुछ विषयगत (objective) । लेकिन निर्णय लेने की यह प्रक्रिया सरल नहीं, जटिल होती है। इसको अनेक तत्व प्रभावित करते हैं 1 यद्यपि मानव के पास किसी विषय पर निर्णय लेने की क्षमता बुद्धिशक्ति (Intelligence Power) है, वह तीव्र मेधाशक्ति ( Keenest Intellect) का स्वामी है; किन्तु उसकी व्यवसायात्मिका बुद्धि (practical reason) भी स्वतन्त्र रूप से काम नहीं कर पाती । उसे भी कई प्रकार के तत्व प्रभावित करते हैं । जो तत्व मानव के निर्णयों को प्रभावित करते हैं, उनमें से कुछ प्रमुख तत्व हैं(1) मनोवैज्ञानिक अथवा मानसिक या संवेगात्मक (2) सामाजिक रूढ़ियां तथा नैतिक परिस्थितियां (3) प्रतिक्रिया - अन्य व्यक्तियों का व्यवहार ( 4 ) नई वैज्ञानिक खोजें इन चारों को नीतिशास्त्र की भाषा में (1) मनोवैज्ञानिक (2) परिस्थित्यात्मक, (3) प्रतिक्रियात्मक, ( 4 ) वैज्ञानिक और ( 5 ) तार्किक कहते हैं । इन्हीं पाँचों कारणों से नैतिक निर्णय की प्रक्रिया में बहुत अधिक जटिलता का समावेश हो जाता है 1
SR No.002333
Book TitleNitishastra Jain Dharm ke Sandharbh me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherUniversity Publication Delhi
Publication Year2000
Total Pages526
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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