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नैतिक प्रत्यय (MORAL CONCEPTS)
नैतिक प्रत्यय का तात्पर्य (Meaning of Moral Concept)
मनुष्य का अर्थ है-मननशील प्राणी। प्राणिजगत में वह सर्वाधिक विकसित चेतना का स्वामी है।
प्रबुद्ध और विकसित चेतना का स्वामी होने के कारण मानव अपने चारों ओर के परिवेश को बड़ी ही सूक्ष्म-दृष्टि से देखता है, घटित होने वाली घटनाओं पर विभिन्न दृष्टिकोणों से चिन्तन-मनन करता है, निष्कर्ष निकालता है और उन निष्कर्षों के आधार पर अपनी भावी योजना बनाता है।
ये निष्कर्ष सूक्ष्म होते हुए भी अभिकल्प अथवा प्रतिमान (Pattern) के रूप में होते हैं। मनोविज्ञान में इन्हें प्रत्यय (Concept) कहते हैं। वुडवर्थ ने प्रत्ययों को, घटनाओं, वस्तुओं और गुणों के उल्लेखनीय विचार बताया है। जेम्स रॉप ने इन्हें मस्तिष्कीय नमूना कहा है।
नैतिक प्रत्ययों का आधार नीति सम्बन्धी विचार अथवा अवधारणा होते हैं। जैसाकि नीतिशास्त्र की विषयवस्तु से स्पष्ट है कि इसमें प्रचलित सामाजिक रीति-रिवाजों (mores) का समावेश प्रमुखतया होता है अतः रीति-रिवाजों को जब मानव मस्तिष्कीय नमूनों (mental pattern) के रूप में ग्रहण करता है तो वे नैतिक प्रत्यय बन जाते हैं।
अतः नैतिक प्रत्ययों को व्यवहार में आने वाली वस्तुओं, घटनाओं के प्रति मानव की मनोवृत्ति कहा जा सकता है। इस प्रकार नैतिक प्रत्यय आदेशात्मक