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नीतिशास्त्र के विवेच्य विषय
नीतिशास्त्र मानव-जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़ा हुआ है। मनुष्य के आचार-विचार, व्यवहार और क्रिया-कलाप इसकी परिधि के अन्तर्गत समाविष्ट हो जाते हैं।
___ मानव, संसार के प्रत्येक भाग का मनुष्य, अपने चारों ओर के समाज को, अन्य व्यक्तियों को देखता है, उनके चाल-चलन और व्यवहार को देखता है, स्वयं भी उनसे व्यवहार करता है और प्रेमपूर्ण-सहज सम्बन्ध बनाने के प्रयास भी करता है।
लेकिन वह देखता है कि समाज में भिन्न-भिन्न प्रकार की रुचि, प्रवृत्ति वाले मनुष्य हैं। कुछ लोग सहयोग और समन्वय में विश्वास करने वाले हैं तो कुछ विघ्नसंतोषी भी हैं।
ऐसी स्थिति में उसके सामने कई प्रश्न खड़े हो जाते हैं, यथा(1) न्याय क्या है और इसे प्राप्त करने का तरीका क्या है?
(2) कर्तव्य क्या है और साथ ही क्या अकर्तव्य है अर्थात् करणीय . कार्य और अकरणीय कार्य क्या हैं?
(3) श्रेय और अश्रेय? (4) सदाचार और दुराचार?
और फिर वह यह भी सोचता है कि उसके जीवन में उपयोग आने वाले साधनों/वस्तुओं तथा आचार-विचारों का क्या मूल्य है? यह मूल्य कैसे निर्धारित होता है, इन मूल्यों का जीवन में क्या महत्व है?