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________________ श्री शीयाणी तीर्थ तीर्थाधिराज श्री शान्तिनाथ भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 32 सें. मी. (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल शीयाणी गाँव में । प्राचीनता तीर्थ अति प्राचीन है । लेकिन सही प्राचीनता का पता लगाना कठिन है । कहा जाता है श्री शान्तिनाथ भगवान की मनोहर प्रतिमा श्री संप्रतिराजा द्वारा प्रतिष्ठित है । अनेकों बार जीर्णोद्धार होने के संकेत मिलते हैं । प्रथम जीर्णोद्धार वि. सं. 1076 में श्रेष्ठी श्री जेठाभाई माघवजी द्वारा हवे का उल्लेख है । विशिष्टता 8 प्रभु प्रतिमा संप्रति राजा द्वारा प्रतिष्ठित मानी जाने के कारण यहाँ का विशेष महत्व है । प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष शुक्ला पंचमी को ध्वजा चढ़ती है, जब हजारों यात्री प्रभु-भक्ति का लाभ लेने इकट्ठे होतें है । यह सुरेन्द्रनगर जिले का प्राचीनतम तीर्थ है। जैनेतर भी दर्शनार्थ प्रायः आते रहते हैं । अन्य मन्दिर 88 वर्तमान में इसके अतिरिक्त कोई मन्दिर नहीं है । कला और सौन्दर्य कलात्मक प्रभु प्रतिमा अति ही आकर्षक है । भूगर्भ से प्राप्त अन्य प्रतिमाएँ भी प्राचीन व अतीव दर्शनीय है । मार्ग दर्शन 8 नजदीक का रेल्वे स्टेशन लीम्बड़ी 13 कि. मी. दूर है, जहाँ से बस व टेक्सी की सुविधा उपलब्ध है । मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । सुविधाएँ 0 मन्दिर के निकट ही धर्मशाला है । जहाँ बिजली, पानी व भोजनशाला की भी सुविधा उपलब्ध है । पेढ़ी श्री शीयाणी जैन संघ (लीम्बड़ी) पोस्ट : शीयाणी - 363 421. तालुका : लीम्बड़ी, जिला : सुरेन्द्रनगर, प्रान्त : गुजरात, फोन : 02753-51550. श्री शान्तिनाथ भगवान मन्दिर-शीयाणी AKUVONOV Veravadar SURENDRANAGAR Talsan SURENDRANAGAR Ronagadh o Tikar Oholidhala WADHAWAN ametar digsaro MUL. Rampare Kharva 26 Bel A Rarolo A_LIMEL 1SAYLA, Imdino Bhogavo Panshila ero Chudao SA a d Shruqupur 548
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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