________________
GUA
Date
श्री महावीर भगवान-आनन्दपुर
देवराज श्रेष्ठी ने श्री मुनिसुन्दरसुरिजी के साथ शत्रुंजय व गिरिनार आदि के यात्रार्थ संघ निकाला था ।
नागरों का यह उत्पति स्थान है । नागर लोग जैन धर्मावलम्बी थे, जिन्होंने अनेकों प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा करवाई । कई जिनालयों का निर्माण करवाया जिसका उदाहरण आज भी यहाँ पाया जाता है । यहाँ के हाथीवाला देरासर में शिखरबंध बावन देवकुलिकाओं की प्रत्येक देहरी में भगवान महावीर की प्रतिमाएँ विभिन्न नागर वाणिकों द्वारा भरवाकर प्रतिष्ठित है जो आज भी अतीव आकर्षक व दर्शनीय है ।
536
अन्य मन्दिर इसके अतिरिक्त चार और मन्दिर हैं। कला और सौन्दर्य इस मन्दिर के भोयरे में विराजित श्री पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा अतीव सुन्दर कलात्मक व दर्शनीय है । इसी भोयरे में से तारंगा तक रास्ता था । ऐसा कहा जाता है ।
श्री महावीर भगवान के बावन जिनालय की निर्माणशैली व सभी बावन देवकुलिकाओं में श्री वीर प्रभु की प्रतिमाएँ दर्शनीय है ।
गुर्जरनरेश श्री कुमारपाल राजा द्वारा निर्मित भव्य किले के दरवाजों व तोरणों की शिल्पकला आज भी दर्शनीय है जो गुजरात की प्राचीन शिल्पकला का सर्वोत्तम नमूना माना जाता है ।
मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन मेहसाणा लगभग 35 कि. मी. दूर है । जहाँ पर टेक्सी व बस की सुविधा उपलब्ध है ।
यहाँ से वीसनगर 13 कि. मी. महुडी 35 कि. मी. व तारंगा 35 कि. मी. दूर है । यह स्थल खेरालु-तारंगा मार्ग पर स्थित है ।
मन्दिर से बस स्टेण्ड लगभग 1/2 कि. मी. दूर है, मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । गांव में आटो व टेक्सी का साधन है । नजदीक का हवाई अड्डा अहमदाबाद लगभग 100 कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँ ठहरने के लिये सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है, जहाँ भोजनशला की भी सुविधा उपलब्ध हैं ।
पेढ़ी
श्री आदिनाथ भगवान जैन श्वे. मन्दिर, श्री वड़नगर श्वे. मूर्तिपूजक जैन संघ, महावीर मार्ग, जैन देरासर के पास ।
पोस्ट : वड़नगर - 384355. जिला : मेहसाणा (गुजराज ), फोन : पी. पी. 02761-22101.
02761-22337.