SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 229
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री कुंकुंटेश्वर पार्श्वनाथ भगवान बताते है व कुर्कुट का अर्थ स्फुलिंग भी होता है जो शब्द उवसग्गहरं पाठ में भी वर्णित है । अतः निश्चय ही प्रभु को देवों के ईश्वर की उपमा दी है । समय-समय पर अनेकों चमत्कारिक घटनाओं के घटने का उल्लेख है । अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त एक और मन्दिर श्री आदिनाथ भगवान का हैं । कला और सौन्दर्य प्रभु की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन से दर्शनार्थी आनन्दित होता है। मन्दिर का प्राचीन शिल्प भी अपने आप में अनूठा है । मन्दिर में विराजित अन्य प्राचीन प्रतिमाएँ भी दर्शनीय है । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक के रेल्वे स्टेशन नीमच 40 कि. मी. पिपल्या 52 कि. मी. मन्दसौर 71 कि. मी. व झालावाड़ रोड़ 140 कि. मी. दूर है। इन सभी जगहों से टेक्सी व बस का साधन है । मन्दिर तक पक्की सड़क है । सुविधाएँ ठहरने की मन्दिर के निकट ही सुविधा है । पूर्व सूचना पर भोजन की भी व्यवस्था हो सकती है । पेढ़ी श्री जैन श्वे. मूर्तिपूजक श्री संघ, पोस्ट : कुकडेश्वर - 458116. जिला : नीमच (म. प्र.), फोन : पी.पी. 07421-31251, 31353. 705
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy