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________________ श्री कुर्कुटेश्वर तीर्थ तीर्थाधिराज श्री कुर्कुटेश्वर पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासनस्थ, श्याम वर्ण, लगभग 77 सें. मी. (श्वे. मन्दिर ) । कुकडेश्वर गाँव में । तीर्थ स्थल प्राचीनता इस तीर्थ की प्राचीनता प्रभु श्री पार्श्वनाथ भगवान के समय की लगभग 2860 वर्ष पूर्व की मानी जाती है । वर्तमान का कुकडेश्वर गाँव प्राचीन काल में कुर्कुटश्वर नाम से विख्यात था। कहा जाता है कि यहाँ से निकट राजपुर के राजा श्री ईश्वर ने प्रभु श्री पार्श्वनाथ के समय ही इस नगर की स्थापन की व मन्दिर निर्माण करवाकर प्रभु का श्री कुर्कु टेश्वर पार्श्वनाथ व नगर का नाम कुर्कुटेश्वर रखा था । कल्पसूत्र पावन आगमग्रंथ में वर्णित प्रसंगों के अनुसार प्रभुश्री पार्श्वनाथ भगवान छद्मावस्था में विचरते ये तब कलिकुंड, कुर्कुटेश्वर व जीवीत स्वामी आदि कुछ तीर्थो की स्थापना हुई थी वह कुर्कुटेश्वर यही स्थान माना जाता है । अतः इसकी प्राचीनता सिद्ध होती है। 704 समय-समय पर जीर्णोद्धार की आवश्यकता रहती है, उसी भांति यहाँ पर भी जीर्णोद्धार हुए ही होंगे । वि. सं. 1676 में जीर्णोद्धार होकर पुनः प्रतिष्ठा हुए का उल्लेख है । विशिष्टता कल्पसूत्र पावन आगम ग्रंथ में वर्णित प्रसंगों के अनुसार प्रभु श्री पार्श्वनाथ भगवान छद्मावस्था में विचरते थे तब कुर्कुटेश्वर तीर्थ की भी स्थापना हुई थी अतः यह यहाँ की मुख्य विशेषता है। एक मतानुसार प्रभु श्री पार्श्वनाथ भगवान छद्मावस्था में यहाँ ध्यानावस्थ थे उस समय यहाँ से निकट गाँव के राजा ईश्वर दर्थनार्थ आये थे । दर्शन करते-करते उन्हें महसूस हुवा कि ऐसे तपस्वी को कहीं देखा है, सोचते-सोचते उन्हें जाति स्मरण ज्ञान हुवा कि पूर्व भव में इनका मेरे पर बहुत उपकार रहा है, ये देवों के भी देव हैं अतः वहीं पर एक गांव की स्थापना करके प्रभु की प्रतिमा बनाकर मन्दिर का निर्माण किया व प्रभु एवं गांव का नाम कुर्कुटेश्वर रखा । कुकुटेश्वर नाम पड़ने के अलग-अलग मत भी है परन्तु यह सही है कि मन्दिर निर्माता ने प्रभु को कुर्कुट के ईश्वर की उपमा दी है । प्रभु की अधिष्ठायिका मातेश्वरी श्री पद्मावती देवी का वाहन कुर्कुट सर्प है। किसी प्राचीन देवता का नाम भी कुर्कुट श्री कुंकुंटेश्वर पार्श्वनाथ मन्दिर दृश्य
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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