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श्री भोपावर तीर्थ
तीर्थाधिराज श्री शान्तिनाथ भगवान, श्याम वर्ण, कायोत्सर्ग मुद्रा में लगभग 3.66 मीटर (श्वे. मन्दिर)।
तीर्थ स्थल 8 यहाँ की मही नदी के निकट ।
प्राचीनता इस क्षेत्र के संबंध में एक किंवदन्ति प्रचलित है कि इसका प्राचीन नाम भोजकूटनगर था । श्री रुकमण कुमार ने, अपनी बहिन राजकुमारी रुक्मणी को लोकरंजक श्री कृष्ण के द्वारा अपहरण कर लेने पर श्री कृष्ण से यहीं पर युद्ध किया था । युद्ध में असफल हो जाने के कारण यहीं रहना निश्चित कर इस गाँव को बसाया व दर्शनार्थ एक भव्य जिनालय का निर्माण कराया था ।
प्रतीत होता है इस तीर्थ का उद्धार अनेकों बार हुआ होगा । वर्तमान में इस मन्दिर के अहाते में ही इसके पूर्व का मन्दिर भूगर्भ में रहने का संकेत मिलता है । श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमा अतीव प्राचीन श्री नेमिनाथ भगवान के काल की बताई जाती है । हो सकता है कालक्रम में मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाकर
शिखर का भव्य दृश्य-भोपावर
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श्री शान्तिनाथ जिनालय भीतरी दृश्य-भोपावर
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