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________________ श्री आदिनाथ प्रभु की प्राचीन प्रतिमा आज भी विद्यमान है, परन्तु बनास नदि पर बांध बांधने का कार्य प्रारंभ होने के कारण सरकार ने इस गांव का ज्यादातर हिसा खाली होना आवश्यक समझकर आदेश जारी किया अतः सुरक्षार्त इस मन्दिर में विराजित प्रभु प्रतिमाओं को उत्थापन करना आवश्यक समझकर स्थानांतर करके यहाँ के पुराने उपाश्रय में विराजमान किया गया, पूजा-पाठ नियमित रूप से चालू है । श्रावकों ने भी अपना-अपना निवास स्थान आदि बदलना आवश्यक समझकर स्वेच्छानुसार जगहों पर बदला । इस प्रभु प्रतिमा व अन्य प्रतिमाओं को पुनः प्रतिष्ठित करवाने हेतु नये मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जो अभी तक चल रहा है । कुछ श्रावकों ने सरकार द्वारा बसाये नये स्थान पर अपना निवास बदला व एक और अन्य मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जो अभी तक चालू है । जहाँ श्री शांतीनाथ भगवान की भव्य व अलौकिक प्राचीन प्रतिमा प्रतिष्ठित करवाई जायेगी, जो इसी मन्दिर में थी । पूजा-पाठ नियमित चालू है । श्री आदिनाथ प्रभु का पुराना मन्दिर जहाँ से प्रतिमाएँ उत्थापन की गई, वह भी अभी तक सुरक्षित है । प्रभु से प्रार्थना है कि पुराने मन्दिर की जगह पूर्ण सुरक्षित घोषित होकर प्रभु प्रतिमा वहीं पुनः प्रतिष्ठित हो, ताकि मन्दिर का तीर्थ रूपी प्राचीन इतिहास कायम रहे, व यात्रिओं का आवागमन बना रहे । प्रारंभ किया श्री आदिनाथ भगवान-दांतपाटक गया नया मन्दिर भी शीध्र तैयार होकर प्रतिष्ठा सम्पन्न हो ताकि निकट रहने वाले श्रावकों को नियमित प्रभु-पूजा सेवा का लाभ मिलता रहे । विशिष्टता इस तीर्थ की प्राचीनता ही यहाँ की मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन मुख्य विशेषता है । अगर मन्दिर की पुरानी जगह पुनः पालनपुर 28 कि. मी. व डीसा 30 कि. मी. दूर हैं, सुरक्षित घोषित होकर वहीं पुनः प्रतिष्ठा हई तो यहाँ की जहाँ पर टेक्सी, बस व आटो की सवारी का साधन और विशेषता बढ़ेगी । संभवतः प्रभु कृपा से अवश्य है। यहाँ पर भी आटो की सवारी का साधन है । कार होगा । व बस मन्दिर तक जा सकती है । अन्य मन्दिर वर्तमान में उक्त उल्लेखानुसार सुविधाएँ फिलहाल ठहरने हेतु कोई खास एक और शान्तिनाथ भगवान के मन्दिर का निर्माण सुविधा नहीं हैं । कार्य चालू है। - कला और सौन्दर्य 88 श्री आदिनाथ प्रभु की । पेढ़ी श्री आदिनाथ भगवान जैन श्वे. मन्दिर, पाचीन पतिमा अतीव आकर्षक व प्रभावशाली है । नये श्री जैन उपाश्रय , पोस्ट : दातीवाडा - 385 505. मन्दिर में विराजित श्री शान्तिनाथ प्रभु की प्राचीन जिला : बनासकांठा, (गुज.), प्रतिमा भी अतीव मनोरम व दर्शनीय है । फोन : 02748-78025 पी.पी. 497
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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