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________________ इस मन्दिर का प्रथम जीर्णोद्धार सं. 1935-40 में व पुनः जीर्णोद्धार 1994 में होने का उल्लेख है । यहीं धर्मशाला की नींव खोदती वक्त, श्री संभवनाथ भगवान की प्रतिमा व चरणपादुका प्राप्त हुई थी । प्रतिमा पर वि. सं. 1218 का लेख उत्कीर्ण है । यहाँ के पुजारी को स्वप्न में हुवे दैविक संकेत के आधार पर, यहीं पहाड़ी पर जमीन खोदने पर श्री महावीर भगवान की सुन्दर प्रतिमा प्राप्त हुई, जिसपर निम्न प्रकार का लेख उत्कीर्ण है । "आचार्य श्री प्रभाचन्द्रप्रणमति नित्यं । संवत् 1252 माघ सुदी 5 रवि चित्र कुन्टान्ववै साघु बाल्हु भार्या शाल्ह तथा मन्दोदरी सुत गोल्ह रतन मालु की प्रणमति नित्यं ।" उक्त उल्लेखों से यहाँ की प्राचीनताः स्वतः सिद्ध होती है । विशिष्टता दिगम्बर मान्यतानुसार भगवान श्री चन्द्रप्रभु के काल में, स्वर्णभद्र आदि मुनिगण यहीं पर मोक्ष सिधारे, अतः निर्वाणकाण्ड में वर्णित पावागिरि सिद्ध क्षेत्र यही माना जाने के कारण यहाँ की महान विशेषता है । यहाँ के प्राचीन मन्दिरों के भग्नावशेष व भूगर्भ से प्राप्त होती आ रही जिन प्रतिमाएँ, यहाँ के पूर्व काल में रही प्रसिद्ध व जाहोजलाली की याद दिलाते हैं । यहाँ के प्राचीन अवशेषों की कला भी, आबू - देलवाड़ा व खजुराहों के मन्दिरों की शिल्प कला के मुकाबले की हैं। चमत्कारिक घटना के साथ प्रकटित प्रभु महावीर की प्रतिमा अतिशयकारी है, अतः यह सिद्धक्षेत्र, अतिशय क्षेत्र पुरातनक्षेत्र एवं कलाक्षेत्र भी हैं । अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त इसी पहाड़ी पर पाँच और मन्दिर व धर्मशाला के प्रांगण में एक मन्दिर हैं । कला और सौन्दर्य यहाँ पर प्राचीन मन्दिरों व प्रतिमाओं की कला अतीव दर्शनीय है जो आबू देलवाड़ा व खजुराहो के मन्दिरों की याद दिलाती हैं । मार्ग दर्शन यह क्षेत्र खंडवा-बड़ौदा राज्य मार्ग 26 पर स्थित है । यहाँ से खंडवा 103 कि. मी. इन्दौर 160 कि. मी. तालनपुर 110 कि. मी. सिद्धवरकूट 112 कि. मी. व बावनगजाजी 78 कि. मी. दूर है । सभी जगहों पर सवारी का साधन है । 1000 DADDY श्री महावीर भगवान पावागिरि ऊन बस स्टेण्ड के निकट ही धर्मशाला है । मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । हवाई अड्डा इन्दौर है । सुविधाएँ ठहरने हेतु सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला हैं, जहाँ भोजनशाला की भी सुविधा उपलब्ध हैं । पेढ़ी श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र पावागिरि ऊन, पोस्ट : ऊन - 451440. जिला खरगौन, प्रान्त मध्य प्रदेश, फोन : 07282-61328. 675
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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